रायपुर- राजधानी रायपुर की पूर्व बैंकर प्रीति उपाध्याय ने निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के नाम पर की जा रही वसूली के विरुद्ध बिलासपुर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। सनद रहे की हाल ही में बिलासपुर उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए फैसला दिया था जी निजी स्कूल ट्यूशन फ़ीस ले सकते हैं इसी आदेश की आड़ में निजी स्कूलों ने उच्च न्यायालय के आदेश पर पालकों को गुमराह करते हुए वसूली शुरू कर दी।


दरअसल निजी स्कूलों की फीस को परिभाषित करने हेतु ही यह याचिका लगाई गई है। दो बच्चों कि पालक प्रीति उपाध्याय का कहना है कि 8 घण्टे का स्कूल मोबाइल पर डेढ़ घण्टे में निपटाया जा रहा है।असेम्बली, कम्प्यूटर क्लास, लेबोरेट्री, स्पोर्ट्स जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का लाभ जब छात्र स्कूलों से नहीं ले पा रहे हैं तो किस बुनियाद पर स्कूल 100 प्रतिशत फीस वसूल सकते हैं? प्रीति कहती हैं कि कोरोना काल में सिर्फ स्कूल ही संकट में नहीं हैं सभी पालक भी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं परंतु स्कूल जो कि एक नो प्रॉफिट नो लॉस के संस्थान हैं एक लाभदायी उद्योग की तरह का व्यवहार कर रहे हैं। प्रीति उपाध्याय ने उम्मीद व्यक्त की है कि न्याय पालकों के पक्ष में ही आएगा और स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर मनमानी नहीं कर पाएंगे।