मसाला फसलों की खेती एवं प्रसंस्करण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

कृषि विज्ञान केंद्र नारायणपुर एवं औषधीय, सगंध पौध एवं अकाष्ठीय वनोपज उत्कृष्टता केंद्र, इं. गाँ. कृ. वि. रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में मसाला फसलों की उन्नत उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 13 से 14 फरवरी तक आयोजित किया गया. यह प्रशिक्षण सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, कालीकट केरल द्वारा प्रायोजित था।
नारायणपुर जिले में मसाला फसलों के घटते क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र में इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था प्रशिक्षण के प्रथम दिवस में औषधीय, सगंध पौध एवं अकाष्ठीय वनोपज उत्कृष्टता केंद्र, इं. गाँ. कृ. वि. रायपुर से पधारे विशेषज्ञों डॉ एस.एस. टुटेजा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज इं. गाँ. कृ. वि. ने छत्तीसगढ़ में मसाला फसलों के अपार संभावनाओं, जल वायु, मिट्टी व अनुकूलता पर विस्तार पूर्वक चर्चा की एवं उत्कृष्टता केंद्र के टीम लीडर डॉ. पी.के. जोशी ने प्रशिक्षु किसान भाई-बहनों को लेमन ग्रास की उत्पादन तकनीक एवं प्रसंस्करण से जुड़े विभिन्न आयामों पर पॉवर पॉइंट एवं विडियो के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की केविके के संस्था प्रमुख डॉ. दिब्येंदु दास ने प्रारंभ में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में एवं नारायणपुर में मिर्च, धनिया, अदरक, हल्दी, मेथी इत्यादि मसाला फसलों की संभावनाओं एवं लाभ के बारे में बताया इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धा न केंद्र, नारायणपुर के प्रोफेसर डॉ जे एल. नाग ने अदरक एवं डॉ. सुमित महिलांग ने हल्दी उत्पादन की उन्नत तकनीक साथ ही डोमन टेकाम एवं इंद्र कुमार ने मसाला फसलों में कीट एवं रोग प्रबंधन की जैविक एवं रासायनिक तकनीक विषय पर बिंदुवार जानकारी प्रदान की. प्रशिक्षण में लेमन ग्रास के पौधे एवं उसके सुंगंधित तेल का वितरण किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ग्रामों के किसान, केविके के समस्त स्टाफ एवं कृषि महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन उत्तम दीवान, लवण कुमार द्वारा किया गया।