विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए कार्यक्रम जारी होने के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आदर्श आचार संहिता लागू रहने की अवधि में किसी भी राजनैतिक दल के प्रतिनिधि, मंत्रीगणों, सार्वजनिक उपक्रमों के पदाधिकारियों आदि को शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय विश्रामगृहों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस में चुनाव प्रचार-प्रसार या राजनैतिक उद्देश्य से नहीं ठहराया जायेगा। ऐसे राजनैतिक व्यक्ति इन स्थानों का उपयोग राजनैतिक गतिविधियों के लिए भी नहीं कर सकेंगे। इस बारे मे कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी डॉ सर्वेश्वर भुरे ने जरूरी आदेश भी जारी कर दिया है।

जारी किए गए आदेश के अनुसार शासकीय प्रयोजनों के लिए मंत्रीगणों के दौरों के दौरान पात्रता अनुसार स्थान उपलब्ध होने पर उन्हें विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस में कमरा उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त पात्रतानुसार ठहरने वाले व्यक्ति से निर्धारित राशि जमा कराकर विधिवत रसीद भी दी जायेगी। विश्राम गृहों में एक रजिस्टर रखा जाएगा जिसमें आगंतुक का नाम, पता, ठहरने का प्रयोजन, ली गई राशि आदि समस्त ब्यौरा अंकित किया जाएगा। एक व्यक्ति को अधिकतम 48 घंटे के लिए ही विश्राम गृह मे कक्ष आरक्षित किया जा सकेगा। उससे अधिक अवधि के लिए कोई कक्ष आरक्षित नही होगा। कक्ष आरक्षित होने पर आगंतुक केवल तीन वाहन ही ला सकेगा। विश्राम गृह मे संबंधित व्यक्ति को तीन से अधिक वाहन लाने की अनुमति नही होगी। शासकीय भवनों, विश्राम भवनों तथा गेस्ट हाउसों का आरक्षण अनुविभाग स्तर पर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी और अन्य स्थानों पर तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी द्वारा किया जायेगा।

जारी आदेश अनुसार शासकीय गेस्ट हाउस, सर्किट हाउस में कक्षों का आरक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर कक्ष आबंटित किए जायेंगे। जिन विश्राम गृहों मे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षकों को कक्ष आबंटित किए जाएंगे वहां किसी अन्य राजनैतिक दल के व्यक्ति को कक्ष आबंटित नहीं होगा। प्रेक्षक या निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान मांगे जाने पर अभिलेखों को जांच के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। निर्वाचन कार्य से जुडे अधिकारियों और प्रेक्षकों के लिए सदैव कक्ष आरक्षित रहेंगे।