छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय संगठन द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश की सभी सोसाइटियों के सभी कर्मचारी 24 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे  प्रदेश की 2 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों में तालाबंदी की नौबत आ गई है।  भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर सहकारी कर्मचारियों की  मांगों को उचित ठहराते हुए कहा है कि सरकार को कर्मचारियों के हित में तत्काल निर्णय लेकर हड़ताल वापसी की दिशा में उचित पहल करनी चाहिए, किंतु शासन प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं किया जाना सरकार असंवेदन शीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि शासन की गलत नीति के चलते धान उपार्जन केंद्रों में कई महीनों से धान पड़े रह, गया जिसके कारण समय अवधि में परिवहन नहीं होने से भारी सुखत आने एवं वर्षा के कारण सड़ जाने के कारण शॉर्टेज आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही लंबे समय तक रखरखाव के कारण सोसाइटियों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ है। इन सब की भरपाई किए जाने के लिए आवश्यक रूप से सरकार को प्रावधान किया जाना चाहिए।