मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग आभावों में भी मनोरंजन के साधन जुटा लेते हैं। छत की टूटी खपरैल से पिट्ठुल बनाकर और घर के रद्दी कपड़े से गेंद बनाकर खेल और मनोरंजन का साधन जुटा लेते हैं। राज्य सरकार खेलों को प्रोत्साहन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जिससे खेलों के क्षेत्र में हमारे बच्चों को आगे बढ़ने के अच्छे अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चों में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है जरूरत उन्हें एक अच्छा मंच दिलाने, उनके लिए बेहतर प्रशिक्षण और कोच की व्यवस्था करने की है। साथ ही खिलाड़ियों की डाइट और खेल आयोजनों की संख्या बढ़ाने की भी आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल प्राधिकरण का गठन किया गया है। कोरोना के कारण खेल प्राधिकरण की गतिविधियां गति नहीं पकड़ सकी, जिन्हें अब बढ़ाया जाएगा। खेलों से विभिन्न औद्योगिक घरानों को जोड़ने की पहल भी की गई है। उनसे बस्तर के आदिवासी अंचल से लेकर बिलासपुर और राजधानी रायपुर में स्थापित विभिन्न खेल अकादमियों के स्थापना, उनके संचालन, खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण-कोच की सुविधा, बेहतर डाईट उपलब्ध कराने में सहयोग लिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नारायणपुर के आदिवासी अंचल के बच्चों को जब मलखंभ के खेल में मौका मिला, तो उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया और कई मेडल जीतकर लाये। छत्तीसगढ़ के बच्चे तैराकी और तीरंदाजी जैसे खेलों में भी काफी आगे जा सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान नक्सली समस्या पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता ने मुहर लगा दी है। आज वह लोग मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। खेती-किसानी और राज्य सरकार द्वारा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों से नक्सलियों को भर्ती के लिए युवा नहीं मिल रहे हैं। बस्तर अंचल में पहली बार लोग अब स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल, सड़क, बिजली और बैंकों की मांग कर रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक श्री देवेन्द्र यादव, साधना न्यूज के चेयरमेन श्री जी.सी. जैन, मैनेजिंग एडिटर श्री आर.के. गांधी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।