(S.N.N NEWS)::sadhna news network मुझे दवाओं के साथ दुवाओ ने दी जिंदगी—हेमन्त वर्मा धरसीवा

(S.N.N NEWS)::sadhna news network/धरसीवा से हेमन्त वर्मा कि रिपोर्ट::
कोरोना के बाद ना केवल आपकी शारीरिक क्षमता बल्कि मानसिक सोच पर भी असर पड़ता है ,,आपको अपने पराए की पहचान में मदद मिलती है ,,साथ ही सोच आध्यात्मिक हो जाता है,, जीवन और मृत्यु के बीच का संघर्ष आपको जीवन का महत्व बताता है ,,,परिवार समाज के लिए कुछ करने की इच्छा शक्ति जागृत होती है,, स्वयं का आत्मविश्वास बढ़ता है ,,कोरोना से जीत  नया जीवन ही है,,❤? प्रेस में मैंने अपने सहकर्मी खो दिया अपने गांव में कुछ लोगो की मौत हुई,, कुछ रिश्तेदार चल बसे,, प्रतिदिन दुखद खबरें मनोदशा को विचलित करती हैं ,,पत्रकारिता से जुड़े होने के बावजूद कुछ दिन  अखबार देखने से भी बचता रहा ,,मुझे लगता है आप किसी कोरोना संक्रमित से बात करते हैं तो सकारात्मक बात करें निराशाजनक खबरें या सूचना ना दें, क्योंकि वह जानता है मौत के बाद जिस तरह से अंतिम संस्कार होता है वह जीवन भर कि सामाजिक कमाई हो महत्वहीन बना देता है? पत्रकारिता के माध्यम से मैंने जो संबंध बनाए वही काम आया ,, समाज में संबंधों का महत्व पैसे से कहीं ज्यादा है यह बात मैं शुरू से ही मानता था कोरोना संक्रमण ने मेरी इस सोच को  मजबूत किया है,, मैं भी घर मे रह कर इलाज करा रहा था अचानक मेरी तबियत जायदा बिगड़ गई,,,तब मेरे परिवार वालो ने मुझे रायपुर के एक अस्पताल बिहान में भर्ती किया और दस दिन तक मौत से लुकाछिपी खेलता रहा,,,जंहा दवाओं के साथ दुवाओ ने अपना काम कर दिया और कोरोना को हरा कर आज मैं घर आ गया।