भरोसा तोड़ने के बाद किस बात का भरोसे का सम्मेलन : कौशिक

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार द्वारा किये जा रहे भरोसे के सम्मेलन को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के सभी वर्गों के साथ छल-कपट करने के बावजूद भरोसे का सम्मेंलन जैसी ड्रामेबाजी करके जनता के साथ खुला मजाक कर रही है। यह सम्मेलन भरोसे का सम्मेलन नहीं बल्कि धोखे का सम्मेलन है। जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा किये गये अनेक धोखे को रखा जा सकता है जो उन्होंने जनता के साथ किया है। प्रदेश में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने बिजली बिल हाफ का वादा किया था बिजली ही हाफ कर दी, सरकार बनने के 10 दिन के भीतर शराबबंदी करने वाले आज पौने पांच साल बीत गये लेकिन शराबबंदी नहीं कर पाये, युवाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का काम इस सरकार ने किया है पीएससी के नतीजे में धांधली करके उनका भरोसा तोड़ा है, 60 के उपर उम्र को पेंशन देने की घोषणा करके ढेरों सपने दिखाए लेकिन सब अधूरे है, प्रदेश के दैनिक वेतनभोगी, अनियमित कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया उनको पुरा पांच साल हड़ताल में ही गुजारना पड़ा, राजीव मितान योजना केवल कागजों में है, भूपेश सरकार ने ध्वस्त बिजली व्यवस्था अघोषित बिजली कटौती से भूपेश बघेल सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान और हलाकान हो गया है और कांग्रेस सरकार हटाओं प्रदेस बचाओं का नारा जन समान्य गो गया है।

उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में ठप्प स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण जनता त्राहिमाम कर रही है, कांग्रेस राज ने गरीब जनता के बीमारी का इलाज भी दुभर बना दिया है, आज स्वास्थ्य सहित हर क्षेत्र घोर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।. सत्ता पाने के लिए झूठे वादे करना और सत्ता हासिल करते ही उसे भूल जाना कांग्रेस की फितरत में रही है। कांग्रेसका 2018 चुनावी घोषणा पत्र मात्र झांसों का सग्रंह बनकर रह गया। कांग्रेस ने सभी का भरोसा तोड़ा है इसके बाद भी भरोसे का सम्मेलन करके जनता के साथ खुला मजाक कर रही है। जिस तरह से प्रदेश के हालात बनते जा रहे है उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे को जवाब देना चाइए।